राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष पित्रोदा ने यह बात माइक्रोसॉफ्ट द्वारा आयोजित ‘टेकएड 2010’ में शामिल प्रतिनिधियों को शिकागो से वीडियोकान्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने कहा कि देश की अपनी चुनौतियां हैं और हमें ऐसे मॉडल की जरूरत है जिसमें कम लागत वाले उपायों पर जोर हो. नए तरीके खोजने की पहल हमें खुद करनी चाहिए. भारत को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के नए मॉडल पर गौर करने की जरूरत है.
ग्रामीण क्षेत्रों में संभावना
प्रधानमंत्री के दूरसंचार सलाहकार पित्रोदा ने कहा कि भारत का ग्रामीण क्षेत्र शहरी क्षेत्रों के लिए आउटसोर्सिंग हब बन सकता है. उनके अनुसार कंप्यूटरीकरण, ई-फाइलों और ब्रॉडबैंड के युग में व्यस्त-महंगे शहरों में सरकारी दफ्तरों की जरूरत नहीं है. इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण ऐसी सरकारी सेवाओं के लिए मददगार साबित हो सकता है.
शुरू होने को है दूसरे चरण की क्रांति
पित्रोदा ने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के पहले चरण की क्रांति देश में खत्म होने वाली है और दूसरे चरण की शुरुआत होने वाली है. इस दूसरे चरण का समाज पर व्यापक असर होगा.
कोई भी मूल्य एवं संस्कृति तब तक जीवित नहीं रह सकती जब तक वह आचरण में नहीं है.
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