ये जो अपना INDIA है ना, बड़ी ही अज़ीब जगह है. जो कोई विदेशी यहाँ आता है तो नतमस्तक हो जाता है और हम सब, हम सब यानी यहाँ के निवासी, इसके मस्तक को नत करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते.
----------------------------------------------------------------------------------------------- कोई भी मूल्य एवं संस्कृति तब तक जीवित नहीं रह सकती जब तक वह आचरण में नहीं है.