20110813

रक्षाबंधन, स्वतन्त्रता दिवस, अण्णा हजारे

प्यारे दोस्तों,
आप सभी को रक्षाबंधन के अवसर पर मेरा प्यार और शुभेच्छा. मैं मज़े में हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी स्वस्थ एवं कुशल होंगे.

रक्षाबंधन का ऐतिहासिक महत्व तो आप सबको पता ही होगा. दशावतार में वर्णित वामनावतार के समय लक्ष्मी जी राजा बाली के घर में निवास कर रहीं थीं और उन्होंने श्रवण पूर्णिमा के दिन बाली को अपना भाई मानकर प्रथम बार रक्षा सूत्र बांधा था और उसी कारण वामन भगवान ने बाली को न मारकर उसे पाताल का राजा बनाकर भेज दिया था. महाभारत में भी द्रौपदी के प्रति श्री कृष्ण का भाई जैसा प्रेम जगत में भाई-बहन के पवित्र बंधन का प्रतीक माना गया.

इधर रक्षा बंधन के समय देश में हलचल मची हुई है. दो दिन बाद स्वतन्त्रता दिवस है और अगले दिन से श्री अण्णा हजारे जी जन- प्रतिनिधियों द्वारा तैयार जनलोकपाल विधेयक लागू करवाने के लिए अनशन आरम्भ करने वाले हैं. दिल्ली में धारा १४४ लगा दी गई है. प्रशासन सदा की तरह एक बेकार सा अपूर्ण विधेयक लाकर ये दिखाना चाहता है कि उसने भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए एक विधेयक बना दिया है.
किन्तु मोटे तौर पर हम देख रहे हैं कि इसमें कई कमियां हैं. जिसके फलस्वरूप हम कलमाड़ी, राजा, कनिमोड़ी जैसे लोगों पर जांच नहीं कर पायेंगे और आदर्श घोटाला, खनन घोटाला आदि भी कभी पकड़ में नहीं आयेंगे.

मेरी ईश्वर से विनती है कि श्री अण्णा हजारे अपने इस अभियान में सफल हों.
----------------------------------------------------------------------------------------------- कोई भी मूल्य एवं संस्कृति तब तक जीवित नहीं रह सकती जब तक वह आचरण में नहीं है.