प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन कल श्रावण मास की पूर्णिमा, मंगलवार (दिनांक २४ अगस्त) को परम्परागत रीति से मनाया जाएगा.
दिन: श्रावण पूर्णिमा, मंगलवार (दिनांक २४ अगस्त २०१०)
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विशेष सूचना: ज्योतिष के अनुसार राखी पंचकों में आए तो इसका महत्व और बढ़ जाता है. इस बार का रक्षाबंधन यही योग लेकर आ रहा है. इसमें आने वाले पंचक को श्रेष्ठ माना जा रहा है. श्रावण मास में पूर्णिमा, मंगलवार, धनिष्ठा नक्षत्र व शोभन योग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है. इस दिन ०८:२० पर कुंभ राशि का चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेगा. धनिष्ठा नक्षत्र में पांच नक्षत्र पर्यत पंचक माने जाते हैं. इसलिए रक्षाबंधन के दिन शुक्ल पक्ष का पंचक श्रेष्ठ है. भारतीय ज्योतिष गणना के आधार पर तीन से पांच वर्ष के बीच एक या दो बार ऐसी स्थिति बनती है.
शनि ग्रह की गणना के आधार पर देखा जाए तो रक्षाबंधन में पांच अंग योग, तिथि, वार, नक्षत्र एवं करण के आधार पर इस बार जो खास रक्षाबंधन पर्व आ रहा है ऐसा योग १९५६ से लेकर २०१० तक सात बार बना है. मंगलवार के दिन पूर्णिमा तिथि, धनिष्ठा नक्षत्र शोभन योग, बवकरण एवं कुंभ राशि का चंद्रमा ये पांच स्थितियां पंचांग के पांच अंग कहलाती हैं.
----------------------------------------------------------------------------------------------------कोई भी मूल्य एवं संस्कृति तब तक जीवित नहीं रह सकती जब तक वह आचरण में नहीं है.
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